वही जो लडे थे,यही बाँकुरे हैं शहीदी बने हैं, जमीं में पडे हैं।। वही जो लडे थे,यही बाँकुरे हैं शहीदी बने हैं, जमीं में पडे हैं।।
हर वर्ष कुछ पेड़ लगाकर बच्चों सा उनको पालूँगी! हर वर्ष कुछ पेड़ लगाकर बच्चों सा उनको पालूँगी!
कभी कभी अम्बर का मन हरा होना चाहता है ! कभी कभी अम्बर का मन हरा होना चाहता है !
मेरे धरा के चौदहवीं के चाँद, सुन दूरी न रहे कोई मेरे चाँद। मेरे धरा के चौदहवीं के चाँद, सुन दूरी न रहे कोई मेरे चाँद।
किंतु जब मैं ढलता हूँ, मुझे कोई नमन नहीं करता है, थके हुये मेरे तन को, कोई आर्ध्य नहीं देता, किंतु जब मैं ढलता हूँ, मुझे कोई नमन नहीं करता है, थके हुये मेरे तन को, कोई आर्ध...
इस धरा को नरक कर के स्वर्ग में सीढ़ी लगाना औरों के लिए काटें बो कर, फूल की इच्छा जताना.... इस धरा को नरक कर के स्वर्ग में सीढ़ी लगाना औरों के लिए काटें बो कर, फूल की इच्छा ...